RBI Guidelines Update: सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर थम नहीं रहा है। खासकर ₹500 के नोटों को लेकर कई तरह की भ्रामक जानकारियां तेजी से फैल रही हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चा में वे नोट हैं जिनमें नंबर के बीच एक छोटा सा स्टार चिह्न होता है। इन नोटों को लेकर यह भ्रम फैलाया गया कि ये नकली हैं और बाजार में मान्य नहीं हैं। इससे लोगों में घबराहट का माहौल बन गया और कई दुकानदारों ने इन्हें लेने से मना भी कर दिया।
स्टार वाला नोट क्या होता है
₹500 के कुछ नोटों में जो विशेषता देखने को मिल रही है वह है उनका सीरियल नंबर, जिसमें एक जगह स्टार (*) का निशान होता है। आम तौर पर सीरियल नंबर एक सीधी श्रृंखला में होते हैं लेकिन ऐसे नोटों में यह स्टार मध्य में अंकित होता है। यह निशान इसलिए जोड़ा जाता है ताकि वह नोट किसी गलत छपाई वाले नोट के स्थान पर पहचान के रूप में कार्य कर सके। रिजर्व बैंक ने इसे पूरी तरह वैध और चलन में स्वीकार्य बताया है।
रिजर्व बैंक की ओर से स्पष्टता
रिज़र्व बैंक ने गुरुवार को एक आधिकारिक सर्कुलर जारी कर यह स्पष्ट किया कि स्टार वाले सभी नोट पूरी तरह असली हैं। इनका मूल्य और वैधता किसी भी अन्य नोट के समान है। रिजर्व बैंक ने कहा कि किसी भी बैंक, दुकान या सार्वजनिक स्थान पर इन नोटों को लेने से कोई इनकार नहीं कर सकता। यह नोट पूरी तरह कानूनी दर्जा रखते हैं और इन्हें सामान्य लेनदेन में इस्तेमाल किया जा सकता है।
नकली नोट नहीं होते ये
स्टार चिह्न वाले नोटों को लेकर सबसे बड़ी भ्रांति यह फैली कि यह नकली नोट हो सकते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि ये नोट गलत छपाई के कारण रिजेक्ट किए गए नोटों के स्थान पर प्रेस से दोबारा छापे जाते हैं। ऐसे नोटों की पहचान करने के लिए सीरियल नंबर में स्टार जोड़ा जाता है ताकि यह रिकॉर्ड में स्पष्ट रह सके। यह एक तकनीकी प्रक्रिया है जो नोटों की वैधता को प्रभावित नहीं करती है।
कब शुरू हुई यह व्यवस्था
स्टार सिस्टम की शुरुआत साल 2006 में की गई थी। इस प्रणाली का उद्देश्य खराब प्रिंट वाले नोटों को बदले जाने की प्रक्रिया को सरल बनाना था। जब कोई नोट किसी कारणवश मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो उसकी जगह प्रेस से नया नोट छापा जाता है, जिस पर उसी नंबर सीरीज के साथ स्टार जोड़ा जाता है। यह पूरी प्रक्रिया रिजर्व बैंक की छपाई नीति के तहत होती है और इसे पूरी पारदर्शिता से लागू किया जाता है।
कौन-कौन से नोट शामिल हैं
इस प्रणाली के अंतर्गत ₹10, ₹20, ₹50, ₹100 और ₹500 के नोट आते हैं। ₹200 और ₹2000 के नोटों में फिलहाल यह व्यवस्था लागू नहीं की गई है। ₹500 के नए नोटों में भी यदि स्टार चिह्न दिखाई दे तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह केवल यह बताता है कि वह नोट किसी पुराने नोट के स्थान पर प्रेस से फिर से छापा गया है। इसका चलन या वैधता पर कोई असर नहीं पड़ता है।
बाजार में हंगामा क्यों
भ्रामक वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट्स के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बनी। कुछ यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज ने यह दावा करना शुरू कर दिया कि इन नोटों को बैंकों या दुकानों में नहीं लिया जाएगा। इस तरह की अफवाहों से खुदरा बाजार, छोटे दुकानदार और ग्राहक सभी भ्रमित हो गए। रिजर्व बैंक को इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देकर लोगों को जागरूक करना पड़ा ताकि भरोसा बहाल किया जा सके।
जनता को सतर्क रहने की जरूरत
ऐसी किसी भी जानकारी को बिना सत्यापन के न फैलाएं और न ही उस पर यकीन करें। अगर आपके पास ऐसा कोई नोट है तो आप बेझिझक उसका इस्तेमाल करें या बैंक में जाकर जमा कर सकते हैं। रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है कि ऐसे नोटों को किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार नहीं किया जा सकता। इस संबंध में यदि कोई दुकानदार या संस्था इनकार करे तो आप शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
रिजर्व बैंक की जिम्मेदारी
रिज़र्व बैंक का काम केवल नोट छापना ही नहीं बल्कि जनता में आर्थिक स्थिरता और विश्वास को बनाए रखना भी है। ऐसे में यदि कोई अफवाह या भ्रम फैलता है तो बैंक की जिम्मेदारी बनती है कि वह समय रहते स्थिति स्पष्ट करे। इस बार भी बैंक ने समय पर सर्कुलर जारी कर लोगों को गुमराह होने से बचा लिया। भविष्य में भी यदि किसी नोट को लेकर कोई बदलाव होता है, तो उसकी आधिकारिक जानकारी केवल RBI ही देगा।
सही जानकारी ही बचाव है
नकली खबरें और अफवाहें देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम सही स्रोत से ही जानकारी लें। रिजर्व बैंक की वेबसाइट, प्रेस नोट्स और आधिकारिक बयानों को ही अंतिम सत्य मानें। सोशल मीडिया पर किसी वायरल वीडियो को देखकर डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि तथ्यों को जांचने की आदत डालनी चाहिए ताकि हम खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सही दिशा दिखा सकें।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है। किसी भी वित्तीय निर्णय या संदेह की स्थिति में आप रिजर्व बैंक या अधिकृत बैंक अधिकारी से संपर्क करें।