OPS Scheme 2025: सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग आखिरकार असर दिखा रही है। केंद्र सरकार ने अप्रैल 2025 से एक नई पेंशन स्कीम लागू कर दी है जिसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS कहा गया है। यह योजना OPS और NPS का मिश्रण है। इससे कर्मचारियों को तय पेंशन का लाभ फिर से मिलने की उम्मीद जगी है।
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम
UPS में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। इसमें OPS जैसी स्थिरता और NPS जैसी लागत नियंत्रण दोनों शामिल हैं। बाजार की अस्थिरता का इस स्कीम पर सीमित असर होगा। यह योजना संतुलन पर आधारित मॉडल मानी जा रही है।
NPS से राहत लेकिन OPS से दूरी
NPS में जहां पेंशन पूरी तरह शेयर बाजार से जुड़ी होती है, वहीं UPS में निश्चित आय का भरोसा है। इससे रिटायरमेंट के बाद योजना बनाने में आसानी होगी। हालांकि, UPS में महंगाई भत्ता शामिल न होना एक बड़ी कमजोरी मानी जा रही है। यही वजह है कि इसे OPS के बराबर नहीं माना जा रहा।
तेज हो रहा विरोध और मांग
उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक UPS का विरोध बढ़ता जा रहा है। प्रयागराज में शिक्षकों ने सांसद को चिट्ठी लिख OPS बहाल करने की मांग की है। वहीं दरभंगा में कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया और UPS के खिलाफ प्रदर्शन किया। संगठनों का मानना है कि OPS ही एकमात्र भरोसेमंद स्कीम थी।
राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज
कई सांसद और दल अब कर्मचारियों की मांग का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि 80 लाख से अधिक कर्मचारी आज भी NPS के दायरे में हैं। ऐसे में उन्हें OPS जैसी गारंटी देना जरूरी है। पत्र लिखकर प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से कार्रवाई की मांग की गई है।
सरकार की ओर से सफाई
सरकार का कहना है कि UPS एक व्यवहारिक और संतुलित समाधान है। यह योजना सरकारी वित्तीय दबाव को नियंत्रित रखते हुए पेंशन सुरक्षा भी देती है। उनका मानना है कि यह भविष्य में एक स्थायी मॉडल के रूप में उभरेगा। सरकार ने इसे एक शुरुआत बताया है जिसे समय के साथ सुधारा जाएगा।
संगठनों की राय बनी हुई है सख्त
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 30–40 साल सेवा देने वाले कर्मचारी के लिए स्थायी पेंशन हक है। वे मानते हैं कि शेयर आधारित योजना सामाजिक सुरक्षा की भावना के खिलाफ है। UPS को वे केवल अस्थायी समाधान मान रहे हैं और OPS की मांग पर अड़े हुए हैं।
आगे की राह क्या होगी
अगर विरोध जारी रहा तो UPS में बदलाव तय माना जा रहा है। सरकार को या तो UPS को मजबूत करना होगा या फिर OPS की संशोधित वापसी पर विचार करना पड़ेगा। फिलहाल UPS को प्रयोग के तौर पर लागू किया गया है। आने वाले समय में ही इसका स्थायित्व तय होगा।
Disclaimer: यह लेख सरकारी घोषणाओं, मीडिया रिपोर्ट्स और कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। अंतिम निर्णय और लाभ की पुष्टि के लिए आधिकारिक अधिसूचनाओं को देखें।