Kisan Credit Card: भारत के करोड़ों किसान खेती पर निर्भर हैं और समय पर आर्थिक सहायता की जरूरत उनमें आम बात है। बीज, खाद, सिंचाई और उपकरणों जैसे जरूरी खर्चों के लिए किसान अक्सर महंगे ब्याज पर कर्ज लेने को मजबूर हो जाते हैं जिससे उनका आर्थिक बोझ और बढ़ जाता है। इसी स्थिति से बचाने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की थी जो अब 2025 में और ज्यादा लाभदायक बन गई है। इस योजना के तहत किसानों को कम ब्याज दर पर कर्ज देने की सुविधा है जो खेती से जुड़ी हर जरूरत में काम आती है।
बजट 2025 में लोन सीमा में बढ़ोतरी
सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बड़ा बदलाव करते हुए लोन सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है। इसका सीधा फायदा उन किसानों को मिलेगा जो खेती के अलावा पशुपालन और मछली पालन से भी जुड़े हैं। अब किसान बीज खरीदने से लेकर फसल बेचने तक की प्रक्रिया के हर पड़ाव पर आर्थिक रूप से सक्षम रहेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि करीब 7.7 करोड़ किसान इस योजना से जुड़ सकें और साहूकारों की ऊंची ब्याज दरों से बचें।
सरल और पारदर्शी आवेदन प्रक्रिया
इस योजना में आवेदन प्रक्रिया को पहले की तुलना में आसान कर दिया गया है। अब किसान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। सरकारी पोर्टल या संबंधित बैंक की वेबसाइट पर आवेदन फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा उपलब्ध है। वहीं, ऑफलाइन प्रक्रिया के तहत किसान नजदीकी बैंक शाखा में जाकर भी फॉर्म जमा कर सकते हैं। पात्रता के अनुसार दस्तावेजों की जांच के बाद बैंक किसान को क्रेडिट कार्ड जारी करता है।
कम ब्याज पर सुलभ लोन की सुविधा
इस योजना के अंतर्गत किसानों को 7% की ब्याज दर पर लोन दिया जाता है, जो समय पर भुगतान करने पर 4% तक रह जाती है। सरकार 2% ब्याज सब्सिडी और 3% प्रॉम्प्ट पेमेंट इंसेंटिव देती है जिससे किसानों पर आर्थिक दबाव नहीं पड़ता। फसल कटाई या बिक्री के बाद लोन चुकाने की सुविधा भी दी गई है जिससे किसान को पर्याप्त समय मिल सके। यह लचीलापन किसान को किसी भी आपात स्थिति में मजबूत बनाता है।
बिना गारंटी के लोन का विकल्प
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की खास बात यह है कि इसमें बिना गारंटी के भी लोन मिल सकता है। सामान्यतः 1.60 लाख रुपये तक का लोन बिना कोलैटरल के दिया जाता है लेकिन कुछ मामलों में यह सीमा 3 लाख रुपये तक भी बढ़ सकती है। इससे छोटे और सीमांत किसानों को काफी राहत मिलती है क्योंकि उन्हें किसी संपत्ति की गिरवी नहीं रखनी पड़ती। यह सुविधा किसानों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त करती है और बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ती है।
बीमा कवर से बढ़ती सुरक्षा
इस योजना में किसानों को केवल लोन ही नहीं बल्कि बीमा कवर भी मिलता है। दुर्घटना, मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में बीमा सहायता दी जाती है। इससे किसान परिवार को आपात स्थितियों में भी आर्थिक मदद मिलती है। कार्ड की वैधता 5 साल की होती है लेकिन हर साल रिन्यूअल जरूरी है जिससे किसान को दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इस योजना में रूपे डेबिट कार्ड की सुविधा भी मिलती है जिससे किसान किसी भी एटीएम से नकद निकाल सकते हैं।
लोन सीमा का निर्धारण और सालाना बढ़ोतरी
लोन सीमा तय करने का आधार किसान की भूमि और फसलें होती हैं। जिला स्तर पर तकनीकी समिति हर फसल के लिए स्केल ऑफ फाइनेंस तय करती है। इस आधार पर किसान को जितनी भूमि है और जो फसल बोई गई है, उसके अनुसार लोन सीमा बनती है। इसमें घरेलू खर्च, उपकरण मरम्मत और बीमा की राशि भी जुड़ती है। अगर किसान समय पर भुगतान करता है तो हर साल 10% तक लोन सीमा बढ़ाई जा सकती है जिससे उसकी कृषि गतिविधियों में निरंतर विकास हो।
योजना से जुड़ने वाले प्रमुख बैंक
इस योजना का लाभ देशभर के सरकारी और निजी बैंकों से लिया जा सकता है। भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक इसके प्रमुख भागीदार हैं। किसान अपने क्षेत्र की किसी भी अधिकृत बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं। बैंक द्वारा दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़कर अगर सभी दस्तावेज सही हैं तो कुछ ही दिनों में किसान को कार्ड जारी कर दिया जाता है।
ब्याज में छूट और चुकौती की सुविधा
समय पर भुगतान करने वाले किसानों को ब्याज में छूट का लाभ मिलता है जिससे कुल ब्याज दर केवल 4% रह जाती है। इसके अलावा किसान को फसल बेचने के बाद लोन चुकाने की सुविधा होती है जिससे उसे तुरंत पैसे चुकाने का दबाव नहीं रहता। यह सुविधा खासकर रबी और खरीफ की फसलें उगाने वाले किसानों के लिए बेहद उपयोगी साबित होती है। अगर लोन समय पर नहीं चुकाया गया तो सामान्य दर से ब्याज और पेनल्टी लग सकती है।
किसानों के लिए जरूरी सावधानियां
योजना का लाभ लेने के लिए किसान को आवेदन करते समय सभी दस्तावेज सही और स्पष्ट रूप से लगाने चाहिए। बैंक द्वारा दी गई शर्तों को अच्छी तरह पढ़कर आगे बढ़ें और केवल सरकारी पोर्टल या अधिकृत बैंक शाखा से ही आवेदन करें। फर्जी वेबसाइट या दलालों से दूर रहें क्योंकि इससे धोखाधड़ी की संभावना रहती है। समय पर लोन चुकाने से ब्याज में छूट मिलती है जिससे किसान पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता और भविष्य में दोबारा लोन लेना भी आसान हो जाता है।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अधिकृत बैंक या सरकारी पोर्टल से पूर्ण जानकारी अवश्य लें।