बैंक खाते में इस लिमिट से ज्यादा कैश जमा कराने पर देना होगा टैक्स, जानिए इनकम टैक्स के नियम Income Tax Rule 2025

Income Tax Rule 2025: बैंक खातों में नकद जमा करना आम बात है लेकिन इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक इसकी भी एक तय सीमा होती है। अगर कोई व्यक्ति इस तय सीमा से ज्यादा कैश जमा करता है तो उस पर टैक्स की जिम्मेदारी आ जाती है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

एक दिन और सालाना जमा की तय सीमा

सेविंग अकाउंट में एक दिन में अधिकतम एक लाख रुपये तक नकद जमा किया जा सकता है। अगर विशेष स्थिति हो तो यह सीमा कभी कभार 2.5 लाख रुपये तक जाती है। वहीं एक वित्तीय वर्ष में कुल मिलाकर 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा करने पर आयकर विभाग की नजर पड़ती है। यह सभी जमा, चाहे एक ही बैंक में हो या अलग-अलग में, गिनी जाती हैं।

ब्याज पर टैक्स देने की बाध्यता

इनकम टैक्स विभाग कैश पर टैक्स नहीं लगाता बल्कि उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लागू करता है। अगर आपकी बैंक जमा से सालाना ब्याज 10,000 रुपये से ज्यादा है तो उस पर टैक्स देना अनिवार्य हो जाता है। इसलिए समय रहते ब्याज की जानकारी ITR में देना जरूरी है ताकि किसी तरह की पेनाल्टी से बचा जा सके।

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बैंक को देनी होती है सूचना

अगर कोई व्यक्ति साल भर में 10 लाख या उससे अधिक की नकद राशि अपने खाते में जमा करता है तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है। यह नियम सिर्फ सेविंग अकाउंट तक सीमित नहीं बल्कि सभी खातों पर लागू होता है। एक से ज्यादा खातों से हुआ लेनदेन भी इस गणना में शामिल किया जाता है।

करंट अकाउंट में क्या हैं नियम

करंट अकाउंट में एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये तक कैश जमा किया जा सकता है लेकिन इस लेनदेन की सूचना विभाग को देना जरूरी होता है। इसके अलावा अगर आप एक बार में 50,000 रुपये या उससे अधिक नकद जमा करते हैं तो पैन कार्ड दिखाना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर ट्रांजैक्शन पर रोक लग सकती है।

इनकम टैक्स रूल 114E का रखें ध्यान

सेविंग और करंट अकाउंट से जुड़ी ट्रांजैक्शन की निगरानी आयकर नियम 114E के अंतर्गत होती है। अगर कोई भी व्यक्ति इस नियम के तहत तय सीमा से ज्यादा कैश जमा करता है या निकालता है तो उसकी जानकारी स्वतः आयकर विभाग तक पहुंच जाती है। इसलिए साल भर में जितने भी नकद लेनदेन हों, उन्हें पूरी योजना के साथ किया जाना चाहिए।

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डिस्क्लेमर

यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के लिए है। निवेश या लेनदेन से पहले वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह अवश्य लें।

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