Income Tax Raid: आयकर विभाग (Income Tax Department) की कार्रवाई एक बार फिर सुर्खियों में है। इनकम टैक्स विभाग ने बीते वर्षों में काले धन के खिलाफ जो कार्रवाइयाँ की हैं, उन्हें किसी सर्जिकल स्ट्राइक से कम नहीं माना जा सकता। देश में अब तक की सबसे बड़ी टैक्स रेड में इतनी नगदी बरामद हुई कि उसे ट्रकों में भरकर ले जाना पड़ा। हर बार जब विभाग इस स्तर की रेड करता है तो देशभर में हलचल मच जाती है। टैक्स चोरी के खिलाफ यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश है।
काले धन पर आयकर विभाग का सर्जिकल स्ट्राइक
बीते कुछ वर्षों में विभाग ने कई हाई-प्रोफाइल रेड्स को अंजाम दिया है जिनमें अरबों रुपये की बेहिसाब नकदी, सोना और अन्य संपत्तियाँ जब्त की गई हैं। इन कार्रवाइयों ने ना सिर्फ सरकार के खजाने को मजबूती दी, बल्कि टैक्स चोरों में डर भी पैदा किया। नोटों की गिनती के लिए मशीनें लगानी पड़ीं और रकम इतनी थी कि उसे ट्रकों में भरकर ले जाना पड़ा। इन रेड्स के बाद जनता का सरकार पर भरोसा बढ़ा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत और सक्रिय तंत्र काम कर रहा है।
इन रेड्स ने यह संदेश दिया कि अब देश में काले धन के लिए कोई जगह नहीं है और जो भी आय से अधिक संपत्ति जमा करेगा उसे कानून के शिकंजे से कोई नहीं बचा पाएगा। चाहे झारखंड और ओडिशा में धीरज साहू के ठिकानों से मिली 351 करोड़ रुपये की नकदी हो या फिर कानपुर के इत्र कारोबारी के घर से मिले 250 करोड़ रुपये – हर छापे ने यह साबित किया कि टैक्स चोरी अब आसानी से छिप नहीं सकती।
आयकर विभाग की टैक्स चोरों पर नजर
टैक्स चोरी करने वालों पर आयकर विभाग की नजर हमेशा बनी रही है। एक बार जब विभाग कार्रवाई करता है तो बड़े-बड़े कारोबारियों के पसीने छूट जाते हैं। रेड न केवल नकदी की जब्ती तक सीमित रहती हैं बल्कि अकूत संपत्तियों, सोने, और दस्तावेजों का भी पर्दाफाश करती हैं। पिछले कुछ सालों में जिन हाई-प्रोफाइल मामलों में अरबों की नकदी और अवैध संपत्तियां जब्त हुई हैं वे इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि विभाग कितनी गंभीरता से टैक्स कानूनों को लागू कर रहा है।
1981 की कानपुर रेड
कानपुर में 16 जुलाई 1981 को आयकर विभाग की ओर से एक ऐतिहासिक रेड की थी। यह रेड पंजाब के पूर्व विधायक और सांसद सरदार इंदर सिंह के ठिकानों पर की गई थी। 90 से ज्यादा इनकम टैक्स अफसर और 200 पुलिसकर्मी इस ऑपरेशन में शामिल थे। इस कार्रवाई में 92 लाख रुपये कैश, गहने, सोना और भारी संपत्ति बरामद हुए थे।
2023 की रेड में 351 करोड़ रुपये
6 दिसंबर 2023 को इनकम टैक्स विभाग ने झारखंड और ओडिशा में कांग्रेस सांसद धीरज साहू के कई ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। यह रेड करीब 10 दिनों तक चली थी, जिसमें अधिकारियों ने 351 करोड़ रुपये से ज्यादा नकद जब्त किया था। इसके अलावा तीन किलो से अधिक सोने के आभूषण भी बरामद हुए थे। इस कार्रवाई को देश की अब तक की सबसे बड़ी नकद बरामदगी माना गया। नोटों की गिनती के लिए विशेष मशीनों और दर्जनों कर्मचारियों की तैनाती करनी पड़ी थी।
इत्र कारोबारी के घर से निकले 250 करोड़ रुपये
दिसंबर 2021 में इनकम टैक्स विभाग ने कानपुर के किदवई नगर में रहने वाले इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर पर छापा मारा था। इस रेड में अधिकारियों को 250 करोड़ रुपये से ज्यादा नकदी मिली थी। पीयूष जैन का जीवन सादा था, लेकिन उसके यहां मिली अकूत संपत्ति ने सभी को हैरान कर दिया था। रेड करीब 120 घंटे से ज्यादा समय तक चली थी और नकदी को ट्रकों में भरकर ले जाना पड़ा था।
सहारा समूह पर रेड में बरामद हुए 135 करोड़
दिल्ली और नोएडा स्थित सहारा समूह के कार्यालयों पर इनकम टैक्स विभाग ने बड़ी रेड की थी। इस कार्रवाई में विभाग को 135 करोड़ रुपये नकद और करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के आभूषण बरामद हुए थे। यह छापा टैक्स चोरी के एक गंभीर मामले में डाला गया था। इसके बाद समूह के मुखिया सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी भी हुई थी और कानूनी लड़ाई लंबे समय तक चली।
बेंगलुरु में नए नोटों के साथ पकड़े गए करोड़ों
2016 में आयकर विभाग ने बेंगलुरु में दो इंजीनियरों और दो ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में 5.7 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई थी, जिसमें 4.8 करोड़ रुपये नए नोट थे और बाकी 90 लाख पुराने नोटों में थे। इसके अलावा 7 किलो सोना और 9 किलो गहने भी जब्त किए गए थे। छापेमारी में महंगी लग्जरी कारें भी मिली थीं, जो आय से अधिक संपत्ति की पुष्टि करती थीं।
इनकम टैक्स की बड़ी रेड्स बदलते हैं हालात
हर बार जब इतनी बड़ी कार्रवाई होती है तो सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होती है और टैक्स चोरी करने वालों में डर बैठता है। इन रेड्स के जरिए सरकार काले धन के खिलाफ अपनी मुहिम को मजबूती देती है और जनता को भरोसा दिलाती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं। ऐसी बड़ी रेड्स न सिर्फ सरकार के राजस्व में इजाफा करती हैं, बल्कि टैक्स चोरी करने वालों के मन में भी डर पैदा करती हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। लेख में दी गई सभी जानकारियाँ विश्वसनीय सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाइयों से जुड़ी जानकारी का उद्देश्य पाठकों को जागरूक करना है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी कानूनी सलाह या निर्णय के लिए संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें। लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार की त्रुटि या निष्कर्ष के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।