EPFO Rule: निजी कंपनियों में काम करने वालों के वेतन का एक हिस्सा हर महीने PF खाते में जमा होता है। यह सिर्फ सेविंग नहीं बल्कि भविष्य की सुरक्षा का मजबूत आधार भी होता है। EPFO की पेंशन योजना नौकरी के बाद आर्थिक सहारा देती है लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें भी पूरी करनी होती हैं।
EPS स्कीम क्या है
EPS यानी Employee Pension Scheme, EPFO द्वारा संचालित एक योजना है जो पेंशन की गारंटी देती है। इसके तहत हर EPF सदस्य को सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन मिलती है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को कम से कम दस साल की सेवा पूरी करनी होती है।
सेवा की न्यूनतम शर्त
EPFO नियमों के मुताबिक यदि किसी कर्मचारी ने 9 साल 6 महीने की सेवा ली है, तो उसे 10 साल के बराबर माना जाता है। अगर किसी का कार्यकाल साढ़े 9 साल से कम है, तो वह पेंशन के योग्य नहीं माना जाएगा और केवल जमा राशि निकाल सकता है।
कितना पैसा PF में जाता है
कर्मचारी की सैलरी और DA का 12% PF में जमा होता है। यह पूरा हिस्सा कर्मचारी के खाते में जाता है। वहीं कंपनी का 12% हिस्सा दो भागों में बंटता है, जिसमें 8.33% EPS में और 3.67% EPF में जमा होता है। यही हिस्सा पेंशन का आधार बनता है।
UAN की भूमिका अहम
UAN यानी Universal Account Number, EPFO द्वारा जारी 12 अंकों का स्थायी नंबर होता है। यह कर्मचारी की पहचान को पूरे करियर में एक जैसा बनाए रखता है। यदि कर्मचारी बार-बार नौकरी बदलता भी है, लेकिन UAN एक रहता है, तो पूरा PF रिकॉर्ड सुरक्षित रहता है।
नौकरी में गैप का असर
अगर कोई कर्मचारी दो अलग-अलग कंपनियों में पांच-पांच साल की नौकरी करता है और उनके बीच गैप भी है, तब भी वह पेंशन के लिए पात्र हो सकता है। शर्त यही है कि उसका UAN नंबर एक ही होना चाहिए और पूरा PF योगदान उसी UAN से जुड़ा हो।
पेंशन की गणना कैसे होती है
पेंशन की राशि अंतिम सैलरी और सेवा अवधि पर निर्भर करती है। यदि किसी कर्मचारी ने 10 साल सेवा दी है और उसकी औसत सैलरी ₹15,000 है, तो उसे लगभग ₹1,250 मासिक पेंशन मिलती है। काम के वर्षों के साथ यह राशि धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।
कम नौकरी अवधि वालों के लिए विकल्प
जिन कर्मचारियों की नौकरी 10 साल से कम रही है, वे पेंशन के बजाय EPS में जमा राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए फॉर्म 10C भरकर EPFO में जमा करना होता है। इस स्थिति में मासिक पेंशन नहीं मिलती लेकिन जमा रकम वापस मिलती है।
पेंशन लेने की उम्र कितनी है
EPS योजना के तहत पेंशन लेने की न्यूनतम उम्र 58 साल तय है। हालांकि कर्मचारी चाहे तो 50 की उम्र के बाद भी पेंशन ले सकता है लेकिन इसमें राशि कम हो जाती है। 58 की उम्र तक रुकने पर पूरी पेंशन मिलती है जो ज्यादा फायदेमंद होती है।
क्या लोग गलती करते हैं
अक्सर कर्मचारी नौकरी बदलते समय नया UAN नंबर बनवा लेते हैं जो बहुत बड़ी गलती होती है। इससे सेवा अवधि टूट जाती है और 10 साल की शर्त पूरी नहीं मानी जाती। हमेशा एक ही UAN जारी रखना चाहिए ताकि सभी PF डिटेल्स एक जगह बनी रहें।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित विशेषज्ञ या EPFO कार्यालय से सलाह लेना उचित रहेगा।