DA Arrears Update: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद की किरण सामने आई है। कर्मचारियों को जनवरी से मार्च 2025 तक के बकाया DA एरियर का भुगतान अप्रैल 2025 के वेतन के साथ किया जाएगा। सरकार ने अभी जनवरी 2020 से जून 2021 तक के 18 महीने के बकाया DA एरियर पर कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के संगठनों ने वित्त मंत्रालय के समक्ष इस बकाया राशि के भुगतान की मांग जारी रखी है जो अब तक 34,402 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है।
वित्त मंत्रालय का आधिकारिक रुख
वित्त मंत्रालय की ओर से संसद में दिए गए आधिकारिक बयान के अनुसार, वर्तमान में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा FRBM एक्ट के तय मानकों से कहीं अधिक है। ऐसे में 34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की DA/DR बकाया राशि का भुगतान राजस्व पर भारी दबाव डालेगा। मंत्रालय का कहना है कि फिलहाल देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह स्थिर नहीं हुई है और प्राथमिकता विकास योजनाओं तथा सामाजिक कल्याण पर है।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि कोरोना काल में लिए गए निर्णय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिए गए थे और वह अस्थायी समाधान थे। हालांकि मंत्रालय यह मानता है कि कर्मचारियों की मांग जायज है, लेकिन मौजूदा समय में इसके लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। वित्त राज्य मंत्री ने सदन में यह भी संकेत दिया था कि भविष्य में यदि आर्थिक स्थिति बेहतर होती है, तो इस विषय पर पुनर्विचार संभव है।
कोरोना काल में रोका गया DA
कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक तीन किस्तों का महंगाई भत्ता (DA/DR) रोक दिया था। उस समय आर्थिक संकट और बजट की तंगी का हवाला देकर डीए रोक दिया गया था। लेकिन अब जब हालात सामान्य हो गए हैं तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांग है कि 18 महीने का बकाया एरियर उन्हें लौटाया जाए।
कर्मचारी संगठनों की मांग
‘नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन’ (NJCA) के वरिष्ठ सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा है कि 18 महीने के डीए एरियर की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। इस संबंध में कैबिनेट सचिव और वित्त मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया है जिसमें कहा गया था कि कर्मचारियों को बकाया राशि पर 6% ब्याज के साथ भुगतान मिलना चाहिए।
सरकार के पास विकल्प
कर्मचारी संगठनों ने सरकार को बकाया एरियर के भुगतान के कई विकल्प सुझाए हैं। इनमें एक साथ भुगतान, किस्तों में भुगतान या अन्य व्यावहारिक तरीकों का सुझाव भी दिया गया है। लेकिन सरकार की ओर से अब तक सकारात्मक जवाब नहीं आया है। श्रीकुमार का आरोप है कि सरकार जानबूझकर इसे टाल रही है, जबकि कोविड के नाम पर पहले ही लाखों कर्मचारियों की 11% डीए राशि रोककर भारी बचत की गई थी।
क्या मिलेगा 18 महीने का DA एरियर?
केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि बकाया एरियर को लेकर कर्मचारी संगठनों ने मांग की है। लेकिन सरकार का कहना है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति में 34,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के एरियर का भुगतान करना व्यावहारिक नहीं है। वित्त राज्य मंत्री ने संसद में बताया था कि सरकार का राजकोषीय घाटा अभी भी FRBM एक्ट के तय स्तर से दोगुना चल रहा है।
कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीद
DA एरियर को लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें अभी भी बरकरार हैं। उन्हें भरोसा है कि सरकार जल्द या देर-सबेर उनकी मांगों पर विचार करेगी। 2026 में 8वां वेतन आयोग लागू होने से पहले अगर सरकार यह राहत देती है, तो यह लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात होगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में यह स्पष्ट किया था कि यदि कर्मचारियों का वेतन, भत्ते या एरियर किसी कारणवश रोका जाता है, तो सरकार को वह राशि ब्याज सहित चुकानी होती है। कोर्ट का यह भी कहना था कि कर्मचारी अपनी सेवा अवधि में मिले अधिकारों को लेकर पूरी तरह संरक्षित हैं, और सरकार उन पर एकतरफा आर्थिक निर्णय थोप नहीं सकती। इस निर्णय को कई कर्मचारी संगठनों ने 18 महीने के रोके गए DA/DR एरियर की मांग को मजबूत करने के लिए आधार बनाया है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने अब तक इस निर्णय पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार को जनवरी 2020 से जून 2021 तक रोके गए DA/DR का भुगतान छह प्रतिशत ब्याज सहित करना चाहिए। यदि सरकार इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लेती, तो यह मामला कोर्ट में भी जा सकता है। इससे कर्मचारियों को न्यायिक प्रक्रिया के जरिए उनका बकाया दिलाने का रास्ता खुल सकता है।
Disclaimer
यह खबर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और कर्मचारी संगठनों की मांगों पर आधारित है। इसमें बताए गए वित्तीय आँकड़े और सरकार की स्थिति में बदलाव संभव है। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक अधिसूचना की पुष्टि अवश्य करें।