ऑनलाइन ठगी होने पर मिल सकता है पूरा रिफंड, अपनाएं यह तरीका Cyber Fraud

Cyber Fraud: डिजिटल दुनिया ने हमारी जिंदगी को जितना आसान बनाया है उतना ही जोखिम भरा भी। जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ी है वैसे ही साइबर फ्रॉड की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। रोजाना हजारों लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं लेकिन कई लोगों को यह नहीं पता कि अगर सही समय पर कदम उठाया जाए तो पूरा पैसा वापस भी मिल सकता है।

रिफंड की संभावना तभी जब समय पर रिपोर्ट करें

RBI और सरकारी नियमों के अनुसार अगर आप साइबर ठगी का शिकार होते ही तीन दिन के भीतर शिकायत दर्ज करा देते हैं तो बैंक 10 से 90 दिनों के अंदर आपका पूरा पैसा वापस कर सकता है। हालांकि चार से सात दिन की देरी पर आपको ₹5000 से ₹25000 तक का नुकसान सहना पड़ सकता है। सात दिन से ज्यादा देरी पर रिफंड मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है।

लापरवाही की सजा भुगतनी पड़ सकती है

अगर आपने किसी को अपना ओटीपी, पासवर्ड या कार्ड डिटेल खुद साझा की है तो यह आपकी लापरवाही मानी जाती है। ऐसी स्थिति में बैंक तब तक पैसे वापस नहीं करता जब तक आप खुद लेनदेन को अनधिकृत घोषित नहीं करते। अगर बैंक मानता है कि आपने चेतावनियों की अनदेखी की है तो रिफंड मिलना लगभग असंभव हो जाता है।

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फ्रॉड होते ही क्या करना चाहिए

जैसे ही आपको साइबर फ्रॉड का अहसास हो, तुरंत cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। साथ ही नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराएं। इसके अलावा अपने बैंक को फोन और ईमेल दोनों माध्यमों से सूचित करें ताकि रिकॉर्ड बना रहे। साथ ही संदिग्ध मैसेज, कॉल या ईमेल के स्क्रीनशॉट्स और ट्रांजेक्शन की रसीद भी सुरक्षित रखें।

कानून क्या कहता है

भारत में साइबर क्राइम से निपटने के लिए कई कानूनी प्रावधान हैं। आईटी एक्ट 2000 की धारा 66C, 66D, 43A, 72A जैसे प्रावधान ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके अलावा कंपनी एक्ट 2013 की धारा 36 और 448 और BNS 2023 की धारा 318, 320 और 111 भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये कानून अपराधियों पर सख्त कार्रवाई का अधिकार देते हैं।

साइबर सुरक्षा अब आपकी जिम्मेदारी भी

डिजिटल युग में सिर्फ बैंक और सरकार ही नहीं, बल्कि हर उपभोक्ता की भी जिम्मेदारी है कि वह सतर्क रहे। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, संदिग्ध कॉल का जवाब न दें और किसी को भी अपना ओटीपी या पासवर्ड न बताएं। यदि आप खुद सचेत रहते हैं तो ठगी से बचना आसान हो जाता है और ठगी हो भी जाए तो रिफंड मिलना मुमकिन हो जाता है।

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Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत स्थानीय पुलिस और साइबर सेल से संपर्क करें। आधिकारिक सूचना के लिए cybercrime.gov.in और अपने बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध दिशानिर्देशों का पालन करें।

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