बैंक खाता खुलवाते समय मिलने वाला एटीएम या डेबिट कार्ड केवल पैसों के लेनदेन का माध्यम नहीं बल्कि आपके लिए एक निःशुल्क बीमा कवच भी होता है। यह बीमा कवर किसी भी तरह के अतिरिक्त प्रीमियम के बिना उपलब्ध होता है लेकिन इसके बावजूद अधिकतर ग्राहक इस सुविधा से पूरी तरह अनजान रहते हैं। हर महीने लाखों लोग इस अधिकार का लाभ उठाने से चूक जाते हैं क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता कि उनका एटीएम कार्ड एक सुरक्षा कवच के रूप में भी काम करता है।
एक्सीडेंटल और डेथ इंश्योरेंस की सुविधा मिलती है
जैसे ही बैंक ग्राहक को एटीएम कार्ड जारी करता है उसी समय से उनके नाम पर एक एक्सीडेंटल बीमा और आकस्मिक मृत्यु का कवर एक्टिव हो जाता है। यह सुविधा भारत के सभी प्रमुख बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा द्वारा दी जाती है। बीमा की राशि कार्ड के प्रकार और बैंक की नीति पर निर्भर करती है लेकिन इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके लिए ग्राहक से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता।
कार्ड की श्रेणी के अनुसार तय होती है बीमा राशि
बीमा राशि कितनी मिलेगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास कौन सा डेबिट कार्ड है। उदाहरण के तौर पर एसबीआई गोल्ड कार्ड पर 2 लाख का नॉन-एयर और 4 लाख का एयर एक्सीडेंट कवर मिलता है जबकि प्रीमियम कार्ड धारकों को 5 लाख से 10 लाख तक का कवर मिल सकता है। अन्य बैंक भी अपने कार्ड्स पर 1 लाख से लेकर 3 करोड़ रुपये तक का बीमा कवर देते हैं जो ग्राहक की पात्रता और कार्ड की श्रेणी के अनुसार तय किया जाता है।
बीमा एक्टिव रखने के लिए जरूरी है कार्ड ट्रांजैक्शन
यह बीमा अपने आप मिल जरूर जाता है लेकिन इसे एक्टिव बनाए रखने के लिए जरूरी है कि कार्ड से नियमित रूप से लेनदेन किया जाए। अधिकतर बैंकों की शर्त होती है कि पिछले 30 या 90 दिनों में कार्ड से कम से कम एक ट्रांजैक्शन किया गया हो। यदि यह शर्त पूरी नहीं होती तो बीमा सुविधा निष्क्रिय मानी जाती है और दुर्घटना के समय क्लेम की पात्रता नहीं रह जाती है। इसीलिए ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि समय-समय पर अपने डेबिट कार्ड से लेनदेन करते रहें।
जनधन योजना के कार्ड पर भी है बीमा का लाभ
सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत जारी RuPay कार्ड पर भी दुर्घटना बीमा की सुविधा दी जाती है। यह योजना खासकर कम आय वर्ग के लिए बनाई गई है जिसमें कार्डधारकों को 1 लाख से 2 लाख रुपये तक का बीमा मुफ्त में मिलता है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सकता है यदि वे अपने कार्ड का समय पर सही इस्तेमाल करें और लेनदेन की शर्तों को पूरा करते रहें।
क्लेम प्रक्रिया है आसान लेकिन जरूरी है दस्तावेज़
यदि कार्डधारक की किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसका नामांकित व्यक्ति बैंक शाखा में जाकर बीमा क्लेम का आवेदन कर सकता है। इसके लिए मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र, एफआईआर की कॉपी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पहचान पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं। सभी दस्तावेजों की जांच के बाद बैंक बीमा कंपनी को सूचित करता है और तय प्रक्रिया के तहत कुछ दिनों के भीतर क्लेम राशि सीधे नॉमिनी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
लाखों लोग आज भी नहीं उठा पा रहे इसका लाभ
सरकारी और निजी बैंकों द्वारा दी जा रही इस सुविधा का सबसे बड़ा पक्ष यह है कि इसके लिए ग्राहकों से कोई अतिरिक्त खर्च नहीं लिया जाता। फिर भी बहुत से लोग जानकारी के अभाव में इस अधिकार से वंचित रह जाते हैं। जिन परिवारों में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाती है वहां यह बीमा बहुत बड़ा सहारा बन सकता है लेकिन तभी जब उन्हें इसकी जानकारी हो और क्लेम की प्रक्रिया समय पर पूरी की जाए। इसीलिए अब समय है कि हर ग्राहक अपने डेबिट कार्ड से जुड़ी इस सुविधा को पहचाने और जागरूकता बढ़ाए।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना हेतु है। बीमा शर्तें बैंक और कार्ड के प्रकार पर निर्भर करती हैं। किसी भी क्लेम प्रक्रिया से पहले संबंधित बैंक या बीमा कंपनी से जानकारी अवश्य प्राप्त करें।