Home loan and bank loan new rule: 2025 की शुरुआत के साथ ही बैंक लोन से जुड़े कई बड़े नियम बदल दिए गए हैं। ये बदलाव खासतौर पर होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य बैंक लोन लेने वालों के लिए राहत लेकर आए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक और वित्त मंत्रालय ने मिलकर पांच नए नियम लागू किए हैं जिनसे कर्ज लेने की प्रक्रिया आसान हो गई है। नए नियमों का उद्देश्य ग्राहकों को कम ब्याज, लचीले विकल्प और तेज सेवा देना है जिससे उन्हें आर्थिक रूप से बेहतर मदद मिल सके।
ब्याज दर में गिरावट से EMI सस्ती
रेपो रेट में दो बार कटौती के बाद अब यह 6 प्रतिशत पर आ चुका है जिससे सीधे तौर पर होम लोन की ब्याज दरें घट गई हैं। कई सरकारी बैंक अब 8.85 प्रतिशत की दर से लोन दे रहे हैं जिससे मासिक किश्तों का बोझ कम हुआ है। कम ब्याज दर का मतलब है कि लोन लेने पर कुल ब्याज की राशि में बड़ी बचत होगी। इससे मिडिल क्लास और नए होम बायर्स को काफी राहत मिली है जो पहले महंगी EMI के कारण निर्णय नहीं ले पा रहे थे।
लोन टू वैल्यू रेशियो में बढ़ोतरी
पहली बार घर खरीदने वालों को बड़ी राहत देते हुए अब लोन टू वैल्यू रेशियो को 90 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति 30 लाख की प्रॉपर्टी खरीदना चाहता है तो अब उसे 27 लाख तक लोन मिल सकता है। यह बदलाव उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है जिनके पास डाउन पेमेंट के लिए सीमित फंड होता है। यह कदम खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में घर खरीद को बढ़ावा देगा।
प्रीपेमेंट चार्ज पूरी तरह खत्म
जो लोग समय से पहले अपना लोन चुकाना चाहते हैं उनके लिए अब ₹30 लाख तक के होम लोन और पर्सनल लोन पर कोई प्रीपेमेंट शुल्क नहीं लगेगा। यह नियम खासकर सैलरीड और मिडल क्लास लोन धारकों को राहत देगा क्योंकि वे अब बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपनी ईएमआई से आगे भुगतान कर सकते हैं। इससे ब्याज में भारी कटौती होती है और जल्दी कर्ज से मुक्ति मिल सकती है।
क्रेडिट स्कोर अपडेट होगा हर 15 दिन में
अब बैंकों को अपने ग्राहकों की क्रेडिट रिपोर्ट हर 15 दिन में अपडेट करनी होगी जिससे CIBIL स्कोर में बदलाव जल्दी दिखेगा। अगर आपने हाल ही में कोई लोन चुकाया है या क्रेडिट कार्ड समय से भरा है तो अब उसका असर जल्द आपके स्कोर पर दिखेगा। इसका लाभ यह है कि अगली बार लोन अप्रूवल या क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने में आसानी होगी और प्रक्रिया तेज हो जाएगी।
प्रायोरिटी सेक्टर में नई कैटेगरी
सरकार ने अब ₹35 लाख तक के अफोर्डेबल हाउसिंग लोन और ₹10 लाख तक के रिन्यूएबल एनर्जी लोन को प्रायोरिटी सेक्टर में शामिल कर लिया है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि इन क्षेत्रों को मिलने वाले लोन पर ब्याज कम होगा और बैंक विशेष स्कीम्स के तहत इन्हें जल्दी स्वीकृति देंगे। यह बदलाव सरकार की हर घर सोलर और सबके लिए घर जैसी योजनाओं को गति देने के उद्देश्य से किया गया है।
लोन लेना हुआ और भी आसान
इन सभी नए नियमों के लागू होने के बाद अब लोन लेना पहले से ज्यादा सरल, सुरक्षित और लाभदायक बन गया है। EMI में कटौती, डाउन पेमेंट में राहत, ब्याज बचत और तेज क्रेडिट सुधार जैसे फायदों से लोन अब सिर्फ बोझ नहीं बल्कि समझदारी का फैसला बन गया है। खासकर वे लोग जो पहली बार लोन ले रहे हैं या घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह बदलाव सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित बैंक, वित्तीय सलाहकार या आधिकारिक पोर्टल से पुष्टि अवश्य करें। लेखक किसी भी प्रकार के आर्थिक नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है।