Gold Rate: इस साल सोने की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। साल की शुरुआत में तेज़ी के साथ सोना रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, लेकिन हालिया गिरावट ने आम खरीदारों को कुछ राहत दी है। सवाल उठता है कि क्या सोने की यह गिरावट स्थायी है या आने वाले महीनों में फिर से एक नई ऊंचाई देखने को मिलेगी। विशेषज्ञों और बाजार के संकेतों की मानें तो अगले 6 महीने में सोने के दाम एक बार फिर नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ सकते हैं।
2025 में सोने का सफर अब तक
जनवरी 2025 में जहां सोना 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे था, वहीं कुछ ही हफ्तों में यह 1 लाख रुपये को पार कर गया। इसके पीछे वैश्विक अनिश्चितता, निवेश की मांग और डॉलर की कमजोरी जैसे कारक थे। हालांकि, अप्रैल के अंत से सोने की कीमतों में गिरावट शुरू हुई और अब तक लगभग 7% की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन विशेषज्ञ इसे सिर्फ एक अस्थायी मुनाफावसूली मानते हैं।
कम भाव में बढ़ी आम लोगों की खरीदारी
जब सोने की कीमतें ऊंचाई पर थीं तो आम ग्राहकों की खरीद में भारी कमी देखने को मिली। 2025 की पहली तिमाही में देश में ज्वेलरी की बिक्री 16 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई। भारी-भरकम गहनों की जगह लोगों ने हल्के आभूषण बनवाने पर जोर दिया। अब जब भाव गिरे हैं, तो जिनके घरों में विवाह या अन्य शुभ अवसर हैं, उन्होंने खरीदारी शुरू कर दी है जिससे बाजार में फिर से हलचल देखी जा रही है।
निवेशकों का बढ़ा भरोसा
जहां आम ग्राहक कुछ समय के लिए बाजार से दूरी बना रहे थे, वहीं निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ा है। इस साल सोने में निवेश करने वालों की संख्या 7% बढ़ चुकी है। बीते एक दशक में निवेशकों की यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी मानी जा रही है। गोल्ड को एक सुरक्षित संपत्ति मानते हुए निवेशकों ने इसमें जमकर निवेश किया जिससे भावों में बढ़ोतरी को बल मिला।
जानिए आज के ताज़ा दाम
5 मई 2025 को इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी रेट के मुताबिक 23 कैरेट सोना 93,359 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जो पिछले दिन की तुलना में 219 रुपये सस्ता है। वहीं 22 कैरेट सोना 85,860 रुपये पर है, जिसमें 202 रुपये की गिरावट आई है। इन भावों से यह स्पष्ट है कि अभी बाजार में गिरावट का रुख है लेकिन यह ज्यादा समय तक टिकने वाला नहीं है।
नवंबर तक क्या होंगे दाम?
बाजार विशेषज्ञों की राय में नवंबर 2025 तक सोना दोबारा 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर सकता है। सर्राफा कारोबारी राहुल वर्मा का कहना है कि मौजूदा गिरावट केवल मुनाफावसूली है। व्यापारिक टैरिफ वॉर को अस्थाई रूप से होल्ड किया गया है, जो अगर फिर से तेज हुआ तो सोने के दाम तेजी से ऊपर जाएंगे। नवंबर में दीपावली और धनतेरस जैसे त्योहारों की वजह से मांग बढ़ना तय है, जो भाव को और ऊपर ले जाएगा।
क्या करें निवेशक और खरीदार?
अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो अभी का समय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। गिरावट के इस दौर में खरीदारी करने से भविष्य में अच्छे रिटर्न की संभावना बनती है। वहीं, जिनके घरों में आगामी महीनों में शादी या अन्य पारिवारिक आयोजन हैं, उनके लिए भी यह मौका मुफीद है। त्योहारों के समय भाव फिर चढ़ सकते हैं, इसलिए समय रहते खरीदारी बेहतर विकल्प हो सकती है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। सोने की कीमतें बाजार की स्थिति पर निर्भर करती हैं और समय के साथ बदल सकती हैं। निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से संपर्क अवश्य करें।