Gold Rate: इस साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। बाजार में हलचल बनी हुई है और निवेशक लगातार भाव पर नजर बनाए हुए हैं। कभी यह 10 ग्राम के लिए 1 लाख को पार कर जाता है तो कभी कुछ सौ रुपये नीचे आ जाता है, लेकिन ट्रेंड एक ही दिशा दिखा रहा है — ऊपर की ओर। ऐसे में सवाल उठता है कि जब 2025 में ही सोने की कीमत आसमान छू रही है, तो 2031 तक यह कहां पहुंचेगा?
अभी की कीमतें और बाजार की चाल
6 मई 2025 को 24 कैरेट सोना 95,740 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर ट्रेड कर रहा है जबकि 22 कैरेट का भाव 87,760 रुपये है। चांदी भी 96,900 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। हाल ही में थोड़ी गिरावट आई जरूर है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह केवल अस्थायी है। साल के अंत तक फिर से नई ऊंचाइयों के रिकॉर्ड बन सकते हैं।
सोने का भविष्य और 2031 की संभावित कीमत
विशेषज्ञों की मानें तो मौजूदा ट्रेंड और आर्थिक माहौल को देखते हुए 2031 तक सोना 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम 5,195 डॉलर प्रति औंस तक जा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगले 6 सालों में सोने की कीमतों में करीब 30 से 40 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है। निवेशकों के लिए यह जानकारी बेहद अहम है, क्योंकि सही समय पर फैसला करने से बड़े फायदे की संभावना बनती है।
क्यों बढ़ेगा सोने का भाव
सबसे पहली वजह है वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता। दुनिया के कई हिस्सों में आर्थिक तनाव, बैंकिंग संकट और मुद्रा अस्थिरता जैसी समस्याएं हैं। ऐसे समय में लोग निवेश के सुरक्षित विकल्प ढूंढते हैं और सोना उनके लिए पहली पसंद बनता है। इसके अलावा मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर में बढ़ोतरी भी सोने की कीमतों को ऊपर ले जाती है। जब कागजी मुद्रा की वैल्यू गिरती है, तो लोग अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए गोल्ड में निवेश करना पसंद करते हैं।
भू-राजनीतिक तनाव भी करेगा असर
रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन-ताइवान विवाद और मध्य पूर्व में जारी अस्थिरता जैसे भू-राजनीतिक मुद्दे भी सोने की मांग को बढ़ा सकते हैं। इतिहास गवाह है कि जब दुनिया में तनाव बढ़ता है, तो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने की ओर रुख करते हैं। अगर ऐसे हालात बने रहते हैं तो 2031 से पहले भी सोने की कीमत 1.25 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
चांदी की कीमतें भी पीछे नहीं रहेंगी
चांदी की बात करें तो इसकी कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी क्षेत्र में चांदी की मांग बढ़ने वाली है, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल और सोलर पैनल निर्माण में। ऐसे में चांदी की कीमत भी 2031 तक 1.5 लाख रुपये प्रति किलो से ऊपर जा सकती है। इसका मतलब है कि निवेशकों को केवल सोना ही नहीं, चांदी पर भी ध्यान देना चाहिए।
क्या करना चाहिए निवेशकों को
अगर आप लंबी अवधि के लिए सुरक्षित और स्थिर रिटर्न चाहते हैं तो सोने में निवेश आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। फिजिकल गोल्ड के अलावा आप गोल्ड ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प भी चुन सकते हैं। ये न केवल सुरक्षित हैं बल्कि रखरखाव की झंझट से भी दूर रहते हैं। साथ ही, ये विकल्प टैक्स लाभ भी दे सकते हैं और लिक्विडिटी की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए तैयार किया गया है। इसमें दी गई कीमतें बाजार आधारित हैं जो समय के साथ बदल सकती हैं। निवेश करने से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना जरूरी है।