EPF Money Withdrawal: अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपकी मासिक सैलरी से एक निश्चित राशि कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF में जमा होती है। यह फंड सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार रिटायरमेंट के लिए बनाया गया होता है ताकि जब आपकी आय बंद हो जाए तो यह राशि आपके लिए सुरक्षा का मजबूत स्तंभ बन सके। लेकिन बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं जो जरूरत पड़ने पर इस फंड से समय-समय पर पैसे निकाल लेते हैं जिससे भविष्य में गंभीर आर्थिक दिक्कतें हो सकती हैं।
क्यों जरूरी है EPF को सुरक्षित रखना?
EPF सिर्फ एक बचत खाता नहीं बल्कि आपकी वित्तीय आजादी का आधार बन सकता है। इसमें मिलने वाला कंपाउंड इंटरेस्ट हर साल आपकी राशि को तेजी से बढ़ाता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने EPF पर 8.25% ब्याज निर्धारित किया है जो बाजार के उतार-चढ़ाव से पूरी तरह सुरक्षित है। जब आप इस फंड को बरकरार रखते हैं तो आपकी राशि साल दर साल कई गुना बढ़ सकती है जो रिटायरमेंट के समय आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।
बार-बार पैसे निकालने से कैसे घटता है लाभ?
हर बार जब आप EPF से पैसा निकालते हैं तो आपके मूलधन में कटौती होती है जिससे कंपाउंड इंटरेस्ट का प्रभाव घटने लगता है। जितनी बार आप इस फंड को छेड़ते हैं उतनी बार आप अपने रिटायरमेंट सुरक्षा कवच को कमजोर करते हैं। कुछ हजार या लाख की जरूरत के लिए अगर आप इस सुरक्षित फंड को कम करते हैं तो आगे चलकर लाखों का नुकसान हो सकता है क्योंकि ब्याज भी उस निकाली गई राशि पर नहीं मिलेगा।
टैक्स छूट का नुकसान भी हो सकता है
EPF में जमा राशि पर ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री होता है लेकिन इसके लिए आपको कम से कम पांच साल तक इसमें योगदान देना होता है। अगर आपने पांच साल पूरे होने से पहले पैसा निकाला तो जितनी राशि आप निकालते हैं वह आपकी कुल सालाना आय में जुड़ जाएगी और उस पर टैक्स लग सकता है। इसका सीधा असर आपकी नेट इनकम पर पड़ेगा और आपको रिटर्न फाइल करते समय अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ सकता है।
इमरजेंसी फंड बनाना क्यों जरूरी है?
बहुत से लोग नौकरी छूटने, बीमारी, घर के खर्च या बच्चों की फीस जैसी इमरजेंसी में EPF से पैसे निकालते हैं। लेकिन इन स्थितियों से निपटने के लिए EPF फंड को छूने के बजाय एक अलग इमरजेंसी फंड तैयार करना ज्यादा समझदारी भरा कदम है। आप इस फंड में अपनी तीन से छह महीने की सैलरी के बराबर राशि जमा रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप उसका इस्तेमाल कर सकें और EPF को सुरक्षित रखा जा सके।
PF अकाउंट को एक्टिव रखना ज्यादा फायदेमंद
जब आप नौकरी बदलते हैं तो कई बार कर्मचारी नया PF अकाउंट खुलवा लेते हैं जबकि पुराने अकाउंट को ट्रांसफर करना ही सही तरीका होता है। एक से अधिक PF अकाउंट होने से न केवल ट्रैकिंग मुश्किल होती है बल्कि पुराने फंड पर ब्याज की गणना भी रुक सकती है। इसलिए हमेशा यही कोशिश करें कि एक ही PF अकाउंट बना रहे और वह निरंतर एक्टिव रहे ताकि आपका पूरा फंड ब्याज के साथ बढ़ता रहे और भविष्य में किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
रिटायरमेंट के समय ही होता है इस फंड का असली इस्तेमाल
EPF का उद्देश्य ही यह है कि जब आप काम करने की स्थिति में न हों तब यह राशि आपके काम आए। रिटायरमेंट के समय नियमित आय नहीं होती लेकिन खर्चों में कटौती नहीं होती। बढ़ती महंगाई और चिकित्सा खर्चों के कारण एक मजबूत फंड की जरूरत होती है। ऐसे समय में EPF में संचित राशि आपकी सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। इसलिए यदि आप इस राशि को पहले ही निकाल लेंगे तो रिटायरमेंट में आपकी वित्तीय स्थिति असुरक्षित हो सकती है।
छोटी जरूरतों के लिए न करें EPF का इस्तेमाल
अगर आपकी कोई तात्कालिक जरूरत है जैसे घर का मरम्मत, यात्रा या बच्चों की फीस तो इसके लिए पर्सनल लोन या इमरजेंसी सेविंग्स का उपयोग करें। EPF की प्रकृति ही दीर्घकालिक है और इसे उसी उद्देश्य से उपयोग करना चाहिए। बार-बार निकासी से केवल वर्तमान सुलझता है लेकिन भविष्य संकट में पड़ जाता है। बचत का असली मूल्य तभी आता है जब वह सही समय पर आपके काम आए और EPF इसीलिए बनाया गया है।
अपने वित्तीय लक्ष्य से समझौता न करें
रिटायरमेंट फंड को बीच में तोड़ने का मतलब है अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दौर में सुरक्षा से समझौता करना। जीवन के उस पड़ाव पर जब आपकी आय नहीं रहेगी तब यही फंड आपको सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देगा। यदि आप अभी थोड़ी योजना बनाकर अलग से इमरजेंसी फंड तैयार करें और EPF को सुरक्षित रखें तो भविष्य में किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा और आप आत्मनिर्भर रह सकेंगे।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए तैयार किया गया है। इसमें दिए गए वित्तीय सुझाव व्यक्तिगत सलाह का विकल्प नहीं हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले प्रमाणित सलाहकार से मार्गदर्शन अवश्य लें। लेखक या प्रकाशक किसी सरकारी या गैर-सरकारी संस्था से संबद्ध नहीं है।