Electricity Bill: उत्तराखंड के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को मई 2025 से बिजली बिल में उल्लेखनीय राहत मिलने जा रही है। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (FPPCA) के तहत बिजली की यूनिट दरों में 89 पैसे तक की कटौती की घोषणा की है। यह फैसला बिजली उत्पादन और खरीद पर आई कम लागत के चलते उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है।
101 करोड़ रुपये की सब्सिडी सीधे बिल में परिलक्षित होगी
UPCL प्रबंधन के अनुसार, मार्च 2025 में कंपनी ने ओपन मार्केट से अपेक्षाकृत सस्ती दरों पर बिजली खरीदी थी। अब इसी लागत बचत का लाभ उपभोक्ताओं को ट्रांसफर किया जा रहा है। निगम ने कुल 101 करोड़ रुपये की छूट मंजूर की है, जो मई महीने के बिजली बिल में सीधी कटौती के रूप में परिलक्षित होगी। इससे पहले भी निगम जुलाई 2024 से मार्च 2025 तक उपभोक्ताओं को अलग-अलग महीनों में कई बार राहत दे चुका है। इनमें जुलाई में 30 पैसे, अगस्त में 52 पैसे, नवंबर में 88 पैसे और मार्च में 1.19 रुपये प्रति यूनिट की छूट शामिल है।
हर उपभोक्ता वर्ग को मिलेगा लाभ
इस बार की घोषणा में UPCL ने सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को राहत देने का निर्णय लिया है। चाहे वह घरेलू उपभोक्ता हों, व्यावसायिक प्रतिष्ठान हों या फिर औद्योगिक इकाइयां — सभी को यूनिट दरों में कटौती का लाभ मिलेगा। राहत की दरें उपभोक्ता श्रेणी के आधार पर अलग-अलग तय की गई हैं:
घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 26 से 71 पैसे की छूट
अघरेलू (व्यवसायिक) उपभोक्ताओं को 103 पैसे प्रति यूनिट की राहत
सरकारी उपयोगिता सेवाओं को 97 पैसे प्रति यूनिट की राहत
कृषि उपयोगकर्ताओं को 44 से 51 पैसे प्रति यूनिट की राहत
एलटी और एचटी इंडस्ट्रीज को 95 पैसे प्रति यूनिट की कटौती
रेलवे ट्रैक्शन, ईवी चार्जिंग स्टेशन और मिक्स लोड उपभोक्ताओं को 89 पैसे प्रति यूनिट की राहत
निर्माण कार्य के लिए अस्थायी आपूर्ति पर 110 पैसे प्रति यूनिट की अधिकतम छूट
ऊर्जा दक्षता और पारदर्शिता की ओर कदम
UPCL की यह पहल न सिर्फ उपभोक्ताओं को तत्काल वित्तीय राहत दे रही है, बल्कि यह संकेत भी देती है कि राज्य की विद्युत वितरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और दक्ष हो रही है। सस्ती दरों पर बिजली खरीद और उसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया यह दर्शाती है कि निगम अब लागत प्रबंधन में अधिक सक्षम हो गया है। साथ ही यह कदम ऊर्जा क्षेत्र में व्यावसायिक अनुशासन और उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत भी है।
बिल में कटौती का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली की दरों में यह छूट राज्य में उपभोक्ताओं की खर्च क्षमता को बेहतर बनाएगी। घरेलू बजट से लेकर लघु और मध्यम उद्योगों तक, सभी को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। यह राहत ऐसे समय में मिली है जब अन्य आवश्यक सेवाओं की लागत बढ़ रही है, ऐसे में बिजली बिल में छूट उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दे सकती है।
यूपीसीएल की यह नीति भविष्य में भी जारी रहेगी या नहीं, इसका निर्णय अगले कुछ महीनों की ऊर्जा खरीद दरों और उत्पादन लागत पर निर्भर करेगा। हालांकि, FPPCA के तहत समय-समय पर दरों की समीक्षा की जाती है, और यदि लागत में फिर गिरावट आती है तो उपभोक्ताओं को फिर से राहत मिल सकती है।
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