7th pay commission: केंद्र सरकार के 1.2 करोड़ कर्मचारियों के लिए सैलरी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। सरकारी वेतन का सबसे अहम हिस्सा भत्ते होते हैं जिनकी मदद से कुल सैलरी में बढ़ोतरी होती है। अब नए वेतन आयोग में इन भत्तों को लेकर बड़ा बदलाव किया जा सकता है जो लाखों कर्मचारियों पर असर डालेगा।
भत्ते सैलरी में कितना योगदान देते हैं
जब किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी तय की जाती है तो उसके बाद कई तरह के भत्ते उसमें जोड़े जाते हैं। यही भत्ते मिलकर सैलरी को मोटा बनाते हैं और यही कारण है कि सरकारी नौकरी को आर्थिक रूप से मजबूत माना जाता है। लेकिन अब इन्हीं भत्तों की समीक्षा की जा रही है।
आ सकता है बड़ा झटका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नए वेतन आयोग की सिफारिशों में कुछ पुराने भत्तों को खत्म करने की तैयारी चल रही है। ऐसे में करीब 1 करोड़ कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है क्योंकि सैलरी में सीधा असर देखने को मिलेगा और पुराने भत्ते हट सकते हैं।
आठवें वेतन आयोग की प्रक्रिया शुरू
सरकार ने नए साल की शुरुआत में ही आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी। इसके बाद से सभी को आयोग की औपचारिक घोषणा का इंतजार है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द आयोग के चेयरमैन और दो सदस्यों के नाम घोषित किए जाएंगे जो इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे।
सिर्फ सैलरी नहीं, भत्तों की भी समीक्षा
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं रहेंगी। इससे जुड़े सभी भत्तों का मूल्यांकन भी किया जाएगा। पहले भी जब वेतन आयोग बदले गए हैं, तब कई भत्तों को समाप्त किया गया है या फिर अन्य भत्तों में समाहित कर दिया गया है।
भत्तों को खत्म करने की तैयारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार अब पुराने और कम प्रासंगिक भत्तों को हटाने की योजना पर काम कर रही है। आयोग के सामने यह जिम्मेदारी होगी कि वह यह तय करे कि कौन से भत्ते जरूरी हैं और कौन से नहीं। उसी आधार पर भत्तों को हटाया या बनाए रखा जाएगा।
नए भत्ते भी जोड़े जा सकते हैं
भले ही कुछ भत्ते खत्म किए जाएंगे लेकिन समय और जरूरत के अनुसार कुछ नए भत्ते भी जोड़े जा सकते हैं। यह देखा जाएगा कि कर्मचारियों की आज की जरूरतें क्या हैं और किन क्षेत्रों में अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती है, उसी आधार पर नए विकल्प सामने आएंगे।
पिछले आयोग में भी हुए थे बदलाव
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। उस समय भी भत्तों की बड़ी समीक्षा हुई थी। कुल 196 भत्तों में से केवल 95 को मंजूरी दी गई थी जबकि 101 भत्तों को खत्म कर दिया गया था। इसके अलावा कई भत्तों को मर्ज भी किया गया था।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया का इंतजार
सरकारी कर्मचारी यूनियन और संगठन भी अब इस पूरे बदलाव पर नजर बनाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई भी फैसला लिया जाएगा। हालांकि भत्ते कम होने की आशंका ने चिंता जरूर बढ़ा दी है।
सुधारों का असर भविष्य पर
अगर पुराने भत्तों में कटौती की जाती है और नए भत्ते जोड़े जाते हैं तो इससे सरकारी नौकरी की आर्थिक तस्वीर थोड़ी बदल सकती है। कर्मचारियों को अपनी योजनाएं दोबारा बनानी होंगी। वहीं सरकार इसे बजट संतुलन और दक्षता बढ़ाने का उपाय मान रही है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी वित्तीय या करियर निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों या विशेषज्ञ से सलाह लें।