Gold Rate: सोने की कीमतों में इन दिनों जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। निवेशकों की दिलचस्पी और वैश्विक अनिश्चितता के कारण सोना नए रिकॉर्ड बना रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। वहीं कुछ विश्लेषकों का यह भी अनुमान है कि निकट भविष्य में इसकी कीमतों में गिरावट संभव है। यह लेख आने वाले तीन वर्षों में सोने की कीमतों के संभावित उतार-चढ़ाव की विस्तृत जानकारी देता है।
मौजूदा समय में क्या हैं सोने के दाम
वर्तमान में 22 कैरेट सोने की कीमत ₹90,910 और 24 कैरेट की ₹99,160 प्रति 10 ग्राम पर चल रही है। 18 कैरेट सोने का रेट ₹74,390 तक पहुंच चुका है। चांदी की बात करें तो एक किलो की कीमत ₹99,100 हो गई है। यह वृद्धि केवल भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दर्ज की जा रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आने वाले वर्षों में यह रुझान क्या रुख ले सकता है।
2026 तक कहां पहुंचेगा सोना
मार्च 2026 तक विशेषज्ञों का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें $4,000 प्रति औंस के पार जा सकती हैं। इसका सीधा असर भारत में सोने की खुदरा कीमतों पर देखने को मिलेगा। विश्लेषकों की रिपोर्ट बताती है कि तब तक भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,23,000 तक पहुंच सकती है। इसका मतलब है कि निवेशकों को अगले एक साल में भी अच्छा रिटर्न देखने को मिल सकता है।
साल 2025 में अब तक का प्रदर्शन
जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच सोने की कीमतों में लगभग 29 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इस दौरान सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतें $3,500 प्रति औंस के करीब पहुंच चुकी हैं। इतना तेज रिटर्न अन्य किसी सुरक्षित निवेश साधन में नजर नहीं आता। यह ट्रेंड दर्शाता है कि मौजूदा हालात में सोना एक बार फिर निवेशकों के लिए भरोसेमंद विकल्प बना है।
ऑल टाइम हाई के पास पहुंची कीमतें
इस साल के दौरान सोना कई बार अपने ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंच चुका है। फिलहाल गोल्ड का ग्लोबल टारगेट प्राइस $3,700 प्रति औंस बताया जा रहा है। अगर दुनिया में राजनीतिक तनाव और बढ़ा तो यह $4,500 तक भी जा सकता है। इस स्थिति में भारत में एक तोला सोने की कीमत ₹1,40,000 तक पहुंच सकती है। इससे सोना एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बन सकता है।
दिवाली तक बढ़ेगा मांग और भाव
दिवाली के आसपास भारत में सोने की मांग में तेज़ी देखी जाती है। ऐसे में साल 2025 के अंत तक सोने की औसत कीमत $3,675 प्रति औंस तक पहुंच सकती है। इसी के साथ भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,13,500 से ₹1,15,000 तक जाने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि वर्ष के अंत तक वैश्विक मांग 710 टन के करीब रह सकती है, जिससे कीमतों में और तेजी आ सकती है।
गिरावट का भी है अंदेशा
जैसे-जैसे कीमतें ऊपर जाती हैं, वैसे-वैसे गिरावट की आशंका भी बढ़ती है। आने वाले वर्षों में अगर केंद्रीय बैंक अपनी सोने की खरीदारी में कमी लाते हैं तो कीमतों में गिरावट संभव है। ऐसे में यह भी जरूरी है कि निवेशक सतर्क रहें और बाजार की हर हलचल पर नजर रखें। विशेषज्ञों का मानना है कि गिरावट भी अचानक हो सकती है।
चांदी के भाव का भी अनुमान
चांदी की कीमतों को लेकर भी कई पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं। आर्थिक अस्थिरता की वजह से इसमें हल्की कमजोरी देखी जा सकती है। हालांकि दीवाली तक इसमें फिर से तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि चांदी की कीमत भारत में ₹1,10,000 प्रति किलो और वैश्विक स्तर पर $39 प्रति औंस तक जा सकती है।
2028 तक कैसा रहेगा गोल्ड ट्रेंड
कुछ विशेषज्ञों के अनुसार 2028 तक सोने की कीमत ₹65,500 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है। इसकी वजह वैश्विक मांग में संभावित गिरावट और आर्थिक स्थिरता हो सकती है। अगर अमेरिका-चीन ट्रेड वार, मंदी की आशंका और टैरिफ का दबाव कम हुआ तो निवेशकों का झुकाव अन्य विकल्पों की ओर जा सकता है। इससे सोने की कीमतों में गिरावट का ट्रेंड शुरू हो सकता है।
क्या करना चाहिए निवेशकों को
इस समय निवेशकों के सामने दो विकल्प हैं—या तो वे मौजूदा तेजी में मुनाफा बुक करें या दीर्घकालीन नजरिए से निवेश बनाए रखें। विशेषज्ञों का मानना है कि सोना अब भी एक मजबूत हेज बना हुआ है। हालांकि बाजार में प्रवेश से पहले एक वित्तीय सलाहकार से विचार-विमर्श करना बेहतर रहेगा। कीमतों में बदलाव अचानक हो सकते हैं, इसलिए रणनीतिक निर्णय लेना बेहद जरूरी है।
Disclaimer
यह लेख विश्लेषकों और समाचार स्रोतों के अनुमान पर आधारित है। इसमें दी गई कीमतें संभावित हैं और इसमें बदलाव संभव है। निवेश से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करें और किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।